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Sanjay kumar Yadav

Others

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Sanjay kumar Yadav

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धड़कने बढ़ जाती है

धड़कने बढ़ जाती है

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है कोई जो आती है मेरे ख़्वाबों में

नाम तो नहीं जानता मैं

लेकिन बस जाती है वो मेरे सांसो में


सुबह सुबह जब वो छत पर आती है

अपने बालो को जब वो सुखाती है


मुस्कुरा कर जब देखती हैं वो मेरी तरफ

मेरे दिल की धड़कने बढ़ जाती है



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