डियर डायरी 8/4/2020
डियर डायरी 8/4/2020
हनुमान जन्मोत्सव
से हुई दिन की शुरूआत
प्रभु बल शक्ति देना
करबद्ध यही अरदास।
सुबह की सुन्दर शुरुआत
शाम की रामायण
बेशक थका हुआ
पर दिन रहा सार्थक।
हैरानी है इस बात की
15 दिन हो गए
इस तरह घर में बैठे
बिना कहीं जाए, बस यूँ ही ।
न कोई बंधन पहले था
न कोई आज है
पर पता नहीं क्यों
मन नासाज है ।
अब तो डर यह सताता है
कहीं अवधि बढ़ा दी तो
उफ! ये बोरिंग दिनचर्या
घर ,रसोई ,फोन ,पढ़ाई ।
एक दो दिन तो ठीक है
पर हर रोज नहीं
बच्चे बड़े हैं अपने में मस्त
केवल मैं दिन भर काम में व्यस्त।
करोना प्रकोप के चलते
अब घर से होती है टीचिंग
सर दिन बच्चों के मैसेज
मानो जीवन ही बन गया चैटिंग।
अलग तरीकों से
किया जा रहा प्रयास
कभी यू टयूब कभी दीक्षा
इन्ही एप्स पर चले है काम ।
पूरा दिन बच्चों ने सुनाई कविता
10/10 लेने में लगी थी उनमें होड़
हर काम के बीच चल जाता विडियो
बच्चों का जोश देख खोना पड़ा होश।
थक दस बजे जो लेटी
सोफे पर आ गई नींद
आचनक किसी आवाज से। उठ
सोचा मना आज की डायरी पूरी कर।
जब स्कूल जाते थे
तो केवल 6 घंटे के
अब तो ज्यादा 12 से
सारे घंटे स्कूल के ।
अभी एक दो दिन और
बच्चे सैट होने में लगाएँगे
फिर लगता है वे भी
इस रूटीन के आदि हो जाएँगें।
मेरा स्कूल मोहाली में
पंजाब के बढ़ते पोजटिव
डर है लाकडाऊन बढ़ा तो
बच्चों की पढ़ाई का गड़बड़।
करती हूँ प्रभु से यही प्रार्थना
सब ठीक हो यह मंगल कामना
और देशों को देखो तो
हम बहुत सुरक्षित हैं ।
दिमाग चल रहा है
पर हाथ दे रहे हैं जवाब
बस बाकी बातें कल
