दाग अच्छे भी हैं होते
दाग अच्छे भी हैं होते
माना की दाग है मुझ में,
पर बेदाग़ तो तुम भी नहीं,
फर्क सिर्फ है इतना,
तुम्हारे दाग नहीं है दिखते,
और मेरे नहीं है छिपते!!
भगवान् से है मेरी,
सिर्फ एक लड़ाई,
देने थे अगर शरीर पर दाग,
तो मन क्यों रखा बेदाग़,
मन के अरमानो पर भी,
थोड़ी सी रोक होती लगाई!!
हर किसी ने कोसा,
पर किसी ने यह न सोचा,
की इस दाग ने मुझे कर दिया चकनाचूर सारा!!
मेरा रोम रोम था रोया,
लगा की जैसे सब कुछ है खोया,
पर क्या मैंने किसी को बोला!!
जिसके जो मन में आया,
उसने मुझे वोह बोला,
पर रखनी है मुझे चेहरे पर मुस्कान,
क्यूंकि मुझे गया था समझाया,
आदत डालनी होगी तुम्हें,
अब सिर्फ सुनना है तुम्हें!!
अब तो है बस एक जुनून,
करना है कुछ ऐसा,
की जो मेरे साथ चलने है शरमाते,
या मुझे अपना कहने से है कतराते,
बोले वही लोग,
अपना हो तो कोई इसके जैसा,
जिसने सिर्फ न नाम है अपना चमकाया,
गर्व से सर भी है उठाया!!
अंत में बस यही हूँ सोचती,
दाग अच्छे हैं होते,
क्यूंकि यह है बताते,
सच में जो है अपने,
उनसे है मिलवाते!!
