चुपके से रोना
चुपके से रोना


रोना तो चुपके से रोना,
ये आँसू कोई देख ना ले।
चेहरे पर मुस्कुराहट रखना,
हँस हँस कर बातें करना।
तकिये पर सर नहीं बल्कि,
सर पे तकिये को रखके रोना।
कहीं कोई देख ना ले।
सामने रोया तो मजाक उड़ायेंगे,
थोड़ा नहीं ज्यादा ही रूलायेंगे।
कमरे की रोशनी में नहीं बल्कि,
रोशनीबंद कमरे में रोना,
ताकि ये आँसू कोई देख ना ले।
दिल के बोझ भी कम होगा,
आँखों में आँसू भरा गम होगा।
रोना कमजोरी की निशानी नहीं,
बिना गम आँसू की कहानी नहीं।
सपनों को बहाकर नहीं बल्कि,
आँखों में सपनों को भरकर रोना,
पर याद रहे कोई देख ना ले।