शशि कांत श्रीवास्तव

Children Stories

5.0  

शशि कांत श्रीवास्तव

Children Stories

चन्द्रयान

चन्द्रयान

1 min
318



कल जब रात को सोया मैं

देखा एक सुन्दर सा सपना 

बैठ चन्द्रयान में -मैं ,

पहुँच गया मैं, दूर गगन में 

पृथ्वी से मैं कोसों दूर 

जा पहुँचा अनजाने ग्रह पर 


जहाँ हवा और पानी नहीं था 

और नहीं था कोई मानव 

हिम्मत करके यान से निकला 

और देखा तो खुशी के मारे

उछल पड़ा 


क्योंकि, हम आ पहुँचे चन्दा पर 

जो दिखता है बहुत ही सुन्दर 

नीचे धरती से

सोचा, थोड़ा बाहर निकल

कर मस्ती करूँ 

जैसे करता धरती पर 


तभी, बजी अलार्म घड़ी की,

और सुन्दर सपना टूट गया,

और चन्द्रयान भी छूट गया 

चन्द्रयान भी छूट गया..


Rate this content
Log in