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श्रेया जोशी 'कल्याणी'

Children Stories

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श्रेया जोशी 'कल्याणी'

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चीनू की गुड़िया

चीनू की गुड़िया

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सुनो कहानी चीनू की, 

एक अनाथ लेकिन प्यारी सी बिटिया, 

दिखती जैसे जापानी गुड़िया, 

रहती जंगल में बनाकर कुटिया।

आग से उसको डर लगता,

इसलिए भीख मांग खाना पड़ता,

कभी-कभी तो कुछ ना मिलता,

भूखे पेट ही सोना पड़ता।

एक बार तो हद ही हो गई,

बिचारी हफ्ते भर भूखी ही रह गई,

उस दिन सहने की सीमा भी पार हो गई। 

एक तारे को देख कर बोली,

तेरे माँ-बाबा तारा बन गए,

ऐसा कहते भोलू भईया।

कुछ खाने को भिजवा दो ना माँ-बाबा, 

भूख से तड़प रही तुम्हारी बिटिया।

उस तारे को आ गई दया,

उसने धरती पर भेजी एक माटी की गुड़िया,

थीं जिसमें अलौकिक शक्तियां,

चीनू के पास आकर बोली गुड़िया,

क्या खाओगी बोलो बिटिया? 

चीनू घबराई कहां से आई यह बोलने वाली माटी की गुड़िया? 

गुड़िया बोली घबराओ नहीं मेरा घर तारों की दुनिया,

मुझ में हैं अलौकिक शक्तियां,

जो चाहो मैं कर दूं बिटिया।

चीनू बोली पहले मुझे खिलाओ पकवान तुम बढ़िया,

महल बनाओ फिर मेरी कुटिया,

तब मैं मानूं तुममें हैं अलौकिक शक्तियां।

गुड़िया ने पकवान मंगाए,

चीनू ने खूब मजे़ से खाए,

फिर महल हो गई चीनू की कुटिया,

हंसी खुशी दोनों संग संग रहने लगीं बनकर प्यारी सखियां।



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