चिड़िया के एहसास
चिड़िया के एहसास
एक सुबह खिड़की पर ठक ठक हुई
दस्तक दे रहा है कौन अचंभित हुई
मैं दौड़कर खिड़की के पास आई
अब दस्तक होती नहीं
कोरोना बीमारी जब से आई
खिड़की पर चिड़िया थी
मुझे देख चहचहाई
मैं मंद मंद मुसकाई
शिकायती लहजे में चिड़िया चहचहाई
काफी दिनों से आप गार्डन नहीं आई
अच्छा तो गार्डन से तुम आई
तुमने घर की राह कैसे पाई
चिड़िया चहचहाई
हवा मुझे यहां ले आई
ये सबकी खबर रखती है
खानाबदोश सी फिरती है
आप ना आई
आपसे मिलने चली आई
सच तुम सब याद करती हो
मुझे अपना समझती हो
आप जो हमें अपनापन देती हो
हमारी सुबह खुशनुमा बनाती हो
आप हमें प्यार से निहारती हो
हमारी चहक सुन मुस्कुराती हो
माली छोड़ जाता है पानी का पाइप
प्यासे पोधों की तरफ मोड़ जाती हो
हमारे लिए दाना लाती हो
चींटी के लिए आटा लाती हो
कई दिनों से आप नहीं दी दिखाई
मैं हवा संग समाचार लेने चली आई
अच्छा किया मैं तुम्हें देख खुश हूं
तुम्हारे प्रति दिल से कृतकृत्य हूं
देखो सामने दाना पानी है
खा पीकर जाना
जब भी दिल करे
आगे भी यूं ही चले आना
इंसान तो मतलब से ही आता है
अब करोना के डर से भागता है
चिड़िया चहकी
आप का घर अच्छा लगा
दाना पानी देख अच्छा लगा
हां! पंछी चुगते हैं
चहकते हैं
चिड़िया चुग कर उड़ गई
सुंदर एहसास छोड़ गई।।