चिड़िया की अभिव्यक्ति
चिड़िया की अभिव्यक्ति
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चूं चूं करती चिड़िया रानी
करती मुझसे बातें, कहती यही कहानी,
घर तुम्हारा बड़ा ही प्यारा, बड़ा ही न्यारा है।
पर कहां जायें हम,
हमको किसका सहारा है?
हो चुके सब अर्वाचीन
एक हम ही रहे प्राचीन
भूल गया मानव वो छिद्र
जहाँ बसेरा होता था।
छत बदली, दीवार बदली, बन गया दरिद्र।
हुआ अहसास एक प्यारा सा
मंगवाया एक लकड़ी का घर
टँगवाया उसे खूंटी पर
समझो इसको तुम अपना ही घर,
महका दो इस घर आंगन को
फुदक फुदक इधर उधर
खेलो कूदो संग मेरे तुम
मेरे प्यारे पंछी जी भर कर।