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Jaya Tagde

Others

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Jaya Tagde

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छपाक

छपाक

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आओ बचपन में लौट आए

चले थोड़ा हुड़दंग मचाए


इन आलीशान दीवारों को छोड़

खुले आसमान में रंग जमाए


लौट चले कीचड़ मिट्टी की ओर

महंगे जूतों को अलविदा कर आए


टाई बेल्ट के बंधनों से दूर

यारों संग बारिश में नहाए


दम घोंटते उपकरणों से दूर

खुली हवा में सांस ले आए


मुख पर नकली अभिवादन से दूर

यारों को ज़ी भरकर चिढ़ाए


इस नकली जीवन को छोड़

गाँव की मिट्टी को सीने से लगाए

 

आते देख माली को दूर से

छपाक से कुँए में कूद जाए


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