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Anu Chatterjee

Others

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Anu Chatterjee

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छोटी -सी ख्वाहिश

छोटी -सी ख्वाहिश

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जब उन हरी-भरी पहाड़ियों से

गुज़री मेरी साँसें

तो मानो कुछ बदल-सा गया,

भीतर ही भीतर सब कुछ 

शांत-सा होने लगा।

अंजान शहर, अंजान लोग 

अब मुझे नहीं डरा रहे थे।

बस वो वादियाँ मुझे अपने आलिंगन में

समा रही थीं।

कुछ खास था, 

उस पल के एहसास में

जो मुझे खुद से मिलवा रहा था।

मैं अकेली ही चल पड़ी थी,

अपने सफ़र की कमान लिए

बस नयनसुख के लिए नहीं।

 प्रकृति की ममता की छांव के एहसास के लिए,

और चंद पल खुद से प्यार जताने के लिए,

मैं चल पड़ी,

थोड़ा-सा प्रेमरस का पान करने के लिए।

पहुँचकर नैनी झील,

ऐसा लगा मानो कोई बिछड़ा समय 

लौट आया हो,

और नैनीताल से मेरा कोई पुराना रिश्ता हो।

बस कुछ तस्वीरें धुँधली सी थीं,

जो सपनों में आकर मुझे जगाया करती थीं

 अब वो ख्वाब हकीकत में बदल गए।

मैं जान चुकी थी,

प्रकृति से मेरा मेल निराला है,

इसके अलावा मेरे प्रेम का न कोई ठिकाना है,

बस प्रकृति की गोद में अब जीवन बिताना है।



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