STORYMIRROR

PRATAP CHAUHAN

Children Stories Action Children

4  

PRATAP CHAUHAN

Children Stories Action Children

चौका चूल्हा

चौका चूल्हा

1 min
264

भोर  हुए  गौरैया  बोली,

कौवा काना लंगड़ा लूला।

वाणी सुनके अम्मा जागी,

लगी लीपने चौका चूल्हा।।


चू -चू -चू -चू करते-करते,

गौरैया  चौका  में  आई।

गूंथ रही थी अम्मा आटा,

उसमें उसने चोंच लगाई।।


बनाके रोटी  अम्मा बोली,

चुन्नू मुन्नू   दोनों   आओ ।

बस्ता सजाके टिफिन लगाके,

विद्यालय तुम जल्दी जाओ।।


अम्मा की आज्ञा को सुनकर,

चुन्नू मुन्नू  दौड़  के  आए।

एक ही थाली में वह दोनों,

अम्मा से खाना रखवाए।।


देखके  रूमाली रोटी को,

कौवा को जब हुई हताशा।

जीम रहा था पानी वह तो,

दो दिन से था भूखा प्यासा।।


कांव कांव करके वह आया,

चुन्नू मुन्नू  को  धमकाया।

जब तक रोटी नहीं मिली थी,

तब तक उसने शोर मचाया।।


देखके  कौवा  की शैतानी,

अम्मा  तोड़ी उसका कूल्हा।

पीत परात की चादर लाकर,

छुपा दिया फिर चौका चूल्हा।


Rate this content
Log in