Chetan Gondaliya
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चतुर्बुभुक्षा भूलोके वर्तते,
अन्न-धन-कामानुरागस्य च ,
पञ्चमे ज्ञान-बुभुक्षा ।
ज्ञान-पिपाशोड़हम ॥
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...