बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
सोंधी सुगंध लाती है बसंती पवन
अहा बसंत का हो रहा आगमन।
धरा पहने बसंती फूलों का आंचल
फैला है मानो उद्यानों में बसंती बादल
मिल रहे हैं प्रेम से मानो धरती गगन
अहा बसंत का हो रहा आगमन।
सरसों के पीले फूल महके खेत खलिहान में
इत्र सी बिखर गई हृदय के जहान में
मानो धरती ने पहन लिए पीत वसन
अहा बसंत का हो रहा आगमन।
मधु मंजरियों पर मंत्रमुग्ध हैं भ्रमर
तरु शाखाओं पर है बसंत का असर
सरसों के सुगंधित मुकुलित हैं सुमन
अहा बसंत का हो रहा आगमन।
दृश्य भूमि पर है कितना मनभावन
प्रेम से प्रीत का हो रहा मधुर मिलन
दृग कर रहे हैं मधुर सपनों का आलिंगन
अहा बसंत का हो रहा आगमन।