बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
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देखो सखी बसंत ऋतु आई,
फूलों की बगिया महक आई।
भ्रमरे तितली गुंजार मचाए,
मनमोहक दृश्य मन को भाए।
खिली हैं कलियां चारों ओर,
खुशबू मिलकर मचाए शोर।
जागो जागो अब हुआ सवेरा,
कोयल ने आम पर डाला डेरा।
कोयल कूके गीत सुनाए,
प्यारी गीत यह मन को भाए।
नींद से हमको जो जगाए,
वह चिड़िया रानी कहलाए।