बसंत का आगमन
बसंत का आगमन
मनमोहक और अद्भुद है बसंत का आगमन,
आनंदित है तन, मुदित है हर मन।
पर्ण विहीन तरु लद गए नव पात से,
पुष्प दल पुलकित हुए सुगंध बरसात से,
चहुँओर प्रकृति करती है नवसृजन।
मनमोहक और अद्भुत है बसंत का आगमन।
सरिता की गोद पूरित मधु जल से,
उद्यान पूरित पंछियों की कल- कल से,
शब्द माला से करें बसंत का आचमन,
मनमोहक और अद्भुद है बसंत का आगमन।
प्रकृति ने किया बढ़-चढ़कर श्रृंगार,
सांसों को महकाए इत्र युक्त बयार,
संपूर्ण भूमि ने पहने हैं पीत वसन,
मनमोहक और अद्भुद है बसंत का आगमन।
तज दो समस्त नैराश्य हृदय का,
स्वीकार नहीं हमें जीवन पराजय का,
बीत जाएंगे साथी पतझड़ रूपी क्षण,
मनमोहक और अदभुद है बसंत का आगमन।
