STORYMIRROR

SARVESH KUMAR MARUT

Children Stories

3  

SARVESH KUMAR MARUT

Children Stories

बसंत है आया

बसंत है आया

1 min
12.3K

फ़ूली सरसों पीले फ़ूल,

फूले-फ़ूल सब अलग-अलग।

          खिलीं हुईं हैं चंहु दिशाएँ

          पवन झूमीं अब मतवाली।

पेड़ों के पात बिखरे अब,

फैली देखो हरियाली।

          अभिनन्दन सारा जगत करे,

          ख़ुशहाली ज्ञान भी फैलाये।

बसंत है आया-बसंत है आया ,

बसंत है आया-बसंत है आया!!


Rate this content
Log in