बरखा आई
बरखा आई
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बरखा आई गर्मी भागी,
मन में नई उमंग है जागी।
कूलर फ्रिज की कर दी छुट्टी,
जामुन आम से हुई है कुट्टी।
टर टर टिर बोले मेंढक दादा,
गर्मी को कर दिया टाटा टाटा।
टप टप टिप टिप करती बूंदे,
कहती पानी में सब मिल कूदें।
झूलें झूला झूमें नाचें गानें गाएं,
आओ सब मिलकर मौज मनाएं।
छप छप छप छप खेले जाओ,
पानी में जमकर खूब नहाओ।
आओ नाव चलाएं कागज की,
फिर छा जाएंगे छाता छतरी।
पानी में खेलेंगे होकर फ्री,
लो गर्मी की हो गई इतिश्री।