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Manju Saraf

Others

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Manju Saraf

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बरगद की छांव

बरगद की छांव

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बरगद की छांव सा है ,

मेरे बुजुर्गों का मेरे लिए प्यार ,

जितनी अंदर जड़ें हैं पैठी इसके ,

उतने ही अंदर तक मेरा भी मन जुड़ा है उनसे ।


मेरे बचपन की यादों से जुड़ा यह बरगद ,

इसकी छाँव तले क्या क्या खेल खेल हमने ,

झूले डाले और झूले सखी सहेलियों संग,

आँख मिचौली और छुवा छुवव्वल सबका यह बना गवाह ।


हम सबके बचपन का साथी है यह ,

दुख और सुख का हमारे जुड़ा है इससे नाता ,

बरगद की छांव और बुजुर्गों का आशीर्वाद ,

होते एक जैसे ,जितना देते हमें उतना बढ़ते ,

इससे हमारा नाता बहुत है गहरा ।



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