STORYMIRROR

Savita Gupta

Others

3  

Savita Gupta

Others

बोलती आँखें

बोलती आँखें

1 min
279

इतराती ठुमकती

तोतली बोली तेरी लुभाती

घर आँगन में तितली सी उड़ती

गले में बाँहों का हार डालती

नीली मृगनयनी आँखें बोलती

मुस्कान तेरी हर थकान मिटाती

झट से पढ़ लेती मन की पाती


घर की चिराग़ तुझ में देखती

तू ही मेरी लौ की बाती

घर की रौनक़ तुझसे ही आती

तू ही मेरी जीवन की थाती

धड़कता दिल ज्यों तू बढ़ती जाती

सशंकित ह्रदय फ़न उठाती

डंसने को आतुर सँपोले देखती

पुरूष मन को टटोलती

आंचल फैला तुझको बचाती


फ्रॉक से कब लहंगा पहन

डोली में बैठी नीर बहाती

ससुराल चली मेरी जीवन ज्योति

तेरी मेरी आँखें झर झर बरसती

बहुत कुछ नि:शब्द आँखें बोलती



Rate this content
Log in