बन के तेरा साया
बन के तेरा साया
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बन के तेरा साया,
हां ,मैंने खुद को पाया,
टूटा था जब भी,
हां ,तुझ में समाया।
तू ही तो जीवन,
जिसको मैंने पाया ,
तू ही तो सरगम ,
जिसको मैंने गाया।
तू ही तो रीत है ,
जिसकी मैं काया ,
तू ही है धड़कन ,
जिसको मैंने पाया ।
पापा की डांट से ,
तूने ही बचाया ,
सूरज की तपिश में ,
चलना सिखाया ।
दिल में ही रहना ,
दूर न जाना ,
हो सके तो ,
बिटिया बन आना ।
मां तू मेरी ,
भूल न जाना ,
छोटू मैं हूं तेरा ,
वादा निभाना ।
बन के तेरा साया,
हां, मैंने खुद को पाया।
टूटा था जब भी,
हां, तुझ में समाया।
