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Karuna Gudheniya ( kukku ❤️😊)

Others

4.0  

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बीते कल में क्यों रहते हो

बीते कल में क्यों रहते हो

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बीते कल में क्यों रहते हो, अपने नयनों को अश्रुओं से क्यों धोते हो ।

बीता कल तो एक याद है, फिर तुम अपना आज क्यों खोते हो ।

कल जब जीवन के पन्नों में , तुम सबसे पीछे रह जाओगे।

खुद को जब दुनिया से, बिल्कुल ही अलग तुम पाओगे।

बीता कल तो एक मुस्कान है, फिर तुम आज उदास क्यों होते हो।

बीते कल में क्यों रहते हो, अपने नयनों को अश्रुओं से क्यों धोते हो।

बीता कल लौट कर नहीं आएगा, ये जो पल है यही आज की खुशियां बरसाएंगा ।

बीता कल एक दिन यूं ही भूल जाएगा, आज का पल उमगंकी बारिश बरसाएगा।

बीते कल में क्यों रहते हो, अपने नयनों को अश्रुओं से क्यों धोते हो।

बीते लम्हे एक कहानी बन जाती है,जिसको सुनकर होंठों पर मुस्कान फ़ैल जाती है।

ये पल भी एक दिन बीता कल बन जाएगा, जी लूं इस पल को तू, वरना ये भी एक याद बन जाएगा। बीते पल की यादों को,कब तक तु समेट पायेगा,हर आने वाला कल तेरा, बीते कल की यादें बन जाएगा। बीते कल में क्यों रहते हो, अपने नयनों को अश्रुओं से क्यों धोते हो।

हर आने वाला कल, बीता कल बन जाता है।

जी ले इस पल को तू, यही जीवन कहलाता है।

बीते कल को तु ना , कभी बदल पाता है।

आने वाले कल को तु,एक नया सवेरा दे पाता है ‌

बीते कल में क्यों रहते हो, अपने नयनों को अश्रुओं से क्यों धोते हो।


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