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Neerja Sharma

Children Stories Inspirational

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Neerja Sharma

Children Stories Inspirational

भगतसिंह

भगतसिंह

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शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह

नाम सुनते ही हर भारतवासी का  

सीना बड़े गर्व से तन जाता है

आँखें खिल -खिल जाती हैं । 


 अमर शहीदों में लिया जाता है नाम 

 उन पर कितना भी लिखा जाए है कम 

 खुशी तो इस बात कि हर बच्चा जानता

 सीना तान के उनका नाम लेता है ।


सिख परिवार में जन्म हुआ 

28 सितंबर 1907 को हुआ

पंजाब के बंगा गाँव में हुआ

 यह आजकल पाकिस्तान में है ।


 पिता का नाम सरदार किशन सिंह

 माता का नाम विद्यावती कौर था

 सिख परिवार होते हुए भी 

 महर्षि दयानंद जी का प्रभाव था।


 भगत सिंह जी का जन्म हुआ 

 दो चाचा को अंग्रेजों से रिहाई मिली 

 इस शुभ घड़ी के अवसर पर

 घर में खुशियाँ दुगुनी हो गई ।


 दादी ने नाम"भागो वाला"रखा 

 भाग्य वाला भगत सिंह कहलाया

 गुलामी की बेड़ियों को तोड़़कर

 अपने देश को आजाद करवाया ।


 उनके जीवन पर हिंदी फिल्में बनी

आज भी सारा देश याद करता 

उनके जैसा रण वीर बाँकुरा

ना कभी हुआ ,ना कभी होगा । 


23 मार्च को फाँसी दी गई 

संयोग, उस वक्त उम्र 23 थी

हंसते हुए फाँसी-फँदे को चूमा

चेहरे पर न कोई मलाल था। 


शत-शत नमन माँ भारती के वीर सपूत 

आज भी बच्चा - बच्चा पहचानाता 

छोटा बच्चा मूछों को ताव देता

भगत सिंह का जय कारा लगाता है।

 


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