STORYMIRROR

Madhu Vashishta

Children Stories Action

4  

Madhu Vashishta

Children Stories Action

बेटी के स्कूल का पहला दिन।

बेटी के स्कूल का पहला दिन।

1 min
340

मेरी बेटी के स्कूल का वह पहला दिन।

मेरे लिए भी बड़ा मुश्किल था रहना अपनी बेटी के बिन।


उसके स्कूल के बाहर मैं खड़ी हुई थीं।

वह रो रही थी अंदर और मैं उसे देख रही थी।


बड़ी मुश्किलों से घर में उसे छोड़कर मैं गई थी।

पूरे समय उसके बारे में ही सोच रही थी।


दोपहर को जब मैं उसे लेने को उसके स्कूल गई।

मुझे यूं लगा वह तो मुझे ही भूल गई।


मजे से खिलौनों से वह खेल रही थी।

पहली बार मिले थे उसे इतने बच्चे वह तो उनके साथ झूले में झूल रही थी।


यह मां का मन है ऐसे ही डरता है।

बच्चे तो हर परिस्थितियों में समायोजित हो जाते हैं।

लेकिन माता-पिता तो उनके साथ के किसी भी पल में वहीं रुक जाते हैं।



Rate this content
Log in