बेनाम सी बारिश

बेनाम सी बारिश

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बेनाम सी बारिश

और उसकी बेपरवाह बूँदें

मूझे बेखौफ बनाती हैं।


मेरी उलझनों को

मेरे ग़मों की लकीरों को,

वो पल भर में

दूर कर देती है।


न जाने क्या जादू है

इस बारिश में की

उस पल में

वो मुझ में और मैं उसमें

ठहर से जाते हैं।


यूँ लगता है

एक नई शुरुआत मिली है,

धुँधली सी एक सौगात

जो बूँदों ने साफ कर दी

वो अब जाकर मिली हैं।


मुझे मुझसे ही मिला दिया

बेनाम ही सही

पर जीने की राह दिखा दिया,

कोई वजह नहीं है

फिर भी भीगकर

यूँ ही मुस्कुरा लिया।



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