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Reena Devi

Others

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Reena Devi

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बचपन

बचपन

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बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।

न जात पात की सोच न ही

छुआछूत की विचारधारा।

बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।।


न फ़िक्र पैसे कमाने की

न ही टेंशन कैसे हो गुजारा।

बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।।


न ध्यान दिया पहनावे पर

न बात करते कभी विचारा।

बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।।


न राज छुपाया दोस्तों से

न दिल में कभी विष धारा।

बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।।


न तंज कसे एक दूसरे पर

सभी को प्यार से पुकारा।

बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।।


क्यों बन गये इतने स्वार्थी

जब से यौवन को धारा।

बचपन कितना मासूम

कितना प्यारा।।



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