बचपन
बचपन
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।
न जात पात की सोच न ही
छुआछूत की विचारधारा।
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।।
न फ़िक्र पैसे कमाने की
न ही टेंशन कैसे हो गुजारा।
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।।
न ध्यान दिया पहनावे पर
न बात करते कभी विचारा।
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।।
न राज छुपाया दोस्तों से
न दिल में कभी विष धारा।
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।।
न तंज कसे एक दूसरे पर
सभी को प्यार से पुकारा।
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।।
क्यों बन गये इतने स्वार्थी
जब से यौवन को धारा।
बचपन कितना मासूम
कितना प्यारा।।