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राही अंजाना

Children Stories

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राही अंजाना

Children Stories

बच्चा हूँ मैं

बच्चा हूँ मैं

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असमंजस इसमें बिल्कुल नहीं के बच्चा हूँ मैं,

बात ये है के ज़हन से अभी भी कच्चा हूँ मैं,


आ जाऊँ बाहर या माँ की कोख में रह जाऊँ,

सोच लूँ ज़रा एक बार के कितना सच्चा हूँ मैं,


बड़ा मुश्किल है यहाँ पैर जमाना जानता हूँ मैं.

मगर चाहता हूँ जान लूँ के कहाँ पर अच्छा हूँ मैं।


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