STORYMIRROR

manisha suman

Others

3  

manisha suman

Others

बौनी ऊड़ान

बौनी ऊड़ान

1 min
237


बड़े बड़े बोल उनके, 

छोटे मन के होते कितने, 

जैसे तैसे जोड़ तोड़कर, 

उँची उड़ाने हैं भरते, 


पैसों की सब माया है, 

शोहरत के गुण गाया है, 

पैसों से ही छप छपकर, 

साहित्यकार खुद को बनाया है, 


कितने मंच बना डाले, 

चढ़े सिहासन सजतें है, 

व्यापार बना कर लेखनी को, 

लिखते और बिकते है, 


अजब दौर आया है, 

कवि, कवित्री, लेखक, 

बड़े नाम बनाकर तुमने, 

बौना आकार दिखाया है, 


जब कल पढ़े जाओगे, 

इतिहास कहलाओगे, 

अपनी बौनी उड़ान से, 

क्या कालजयी बन पाओगे, 


अभी तुम्हारा दौर है, 

छपने छपाने का शोर है,

एर बार नजर उठाओ

खुद से कभी मिल आओ।




Rate this content
Log in