बारिश
बारिश
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'तेरे साथ यूँ ही चल पाते,
तेरी तरह यूँ ही खुल के बरस पाते,
तेरी तरह हर आग हम भी बुझा पाते,
तू क्यों इतना निर्मल है दोस्त??
काश! हम भी इतने पावन वो पाते!'