बाल कविता-१ (चंदा और तारे)
बाल कविता-१ (चंदा और तारे)
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छोटे छोटे तारे,
लगते कितने प्यारे,
रहते हैं दूर गगन में,
मिलकर चमके सारे।
कभी बादलों के संग
छुपा छिपी खेलते हैं
चंदा मामा जब आ जाएं
चम चम चमक चमकते हैं।
चंदा मामा आएगा,
खेल खिलौने लाएगा,
मिल कर फिर तारों के संग,
धमा चौकड़ी मचाएगा।
छोटे छोटे तारे
चंदा संग फिर गायेंगे
चांदी की थाल में सब
माल़ पुए खायेंगे।
छोटे छोटे तारे,
टिमटिमाते सारे,
हंसते रहते मिलकर हरदम
लगते कितने प्यारे।