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Bhawna Lal

Others

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Bhawna Lal

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औरत

औरत

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आस है, प्यार है, मोहब्बत है, औरत 

जज्बात है, इनायत है, पूजा है, औरत 

हर रूप में एक अर्पण है औरत,  

कई रूपों में जी कर भी 

खुद का आत्मसमर्पण है औरत

 कुछ दबी चाहतों से, कुछ छुपी ख्वाहिशों से 

अपना वजूद कायम करती मिसाल है औरत, 

 गम के शामियाने से लड़कर

 खुशियों के आशियानों को जोड़ती इमारत है औरत, 

 करुणा है, ममता है, विश्वास है औरत 

आघात करें सम्मान पर गर कोई 

तो उस प्रहार पर रौद्र रूप से रक्षक बनती है औरत,  

कभी थकी सी, कभी उदास सी 

कभी खुद को कमजोर पाती जो औरत

 तो अपने अंतर्मन की शक्ति से 

अपने हौसलों को प्रकाशित करती है औरत, 

 लाचार नहीं, मोहताज नहीं, बेबस नहीं है औरत 

 इस जमीन से दौड़ कर 

 आसमां तक उड़ सकती है औरत

 कभी अपने लिए तो कभी अपनों के लिए

 क्या-क्या नहीं कर जाती है औरत,

 निराशा के अंधेरों पर विजय पाती

 आशाओं के उजालों की परिभाषा है औरत।



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