हे गणपति बप्पा महाराज जी
हे गणपति बप्पा महाराज जी
कृपा निधान गणपति बप्पा महाराज जी
अपनी कृपा बनाए रखना
आ रहे हो खुशियां बनकर
इन खुशियों को सजाए रखना!
सबके मन से भक्ति भाव कम ना हो
तेरे रहते कभी किसी की आंखें नम ना हो
सबके अंत:करण में प्रेम की जोत जगाए रखना!
धूप ,कपूर, फूलों की खुशबू ही नहीं
सदभाव ,सदाचार की सुगंध फैले चारोंओर
सबके हृदय में ऐसे पवित्र विचार बनाए रखना!
शंख, नाद, मृदंग ही नहीं
तेरी जय जयकार की गूंज उठे
तेरे तेजस्वी रूप से
सत्य का प्रकाश फैलें चारों ओर
सब के मुख पर ऐसा तुम भान रखना!
हे मूषकराज विघ्नहर्ता
बैर, विरोध, क्रोध ,अहंकार
इन सबका होए संहार
ऐसा सबके मन में मर्म तुम बनाए रखना!
भय का ना होए प्रहार
सत्य की ना होए हार
गर हो भी जाए हार तो
उस हार को तुम हार न रखना
हिम्मत और हौसलों की जीत का
ताज तुम पहनाए रखना!
दिखता नहीं है पर
अन्याय बहुत है संसार में
अपने ज्ञान, बुद्धि ,कौशल बल से
अन्याय पर करके वार
न्याय का डंका बजाए रखना!
हे कृपा निधान गणपति बप्पा महाराज जी
अपनी कृपा बनाए रखना।
