STORYMIRROR

Surendra kumar singh

Others

3  

Surendra kumar singh

Others

अस्तित्व की सार्थकता

अस्तित्व की सार्थकता

1 min
232

प्रेम से जनित ये सृष्टि

प्रेममय है

इसकी सार्थकता को

प्रमाणित करने की क्रिया

एक युद्ध है

और कभी कभी जब

हम इसकी सार्थकता सिद्ध

कर रहे होते हैं

तो लगता है हम अग्निवत

परिवेश से गुजर रहे हैं

अग्नि परीक्षा भी कहा गया है इसे


ये सिलसिला है

चलते रहने का

चलता ही रहेगा

इसे सहजता से ग्रहण करना

उपयुक्त है

यह स्थित तब आती है

और आती भी रही है

जब अस्तित्व के प्रेममय

होने को चुनौती मिलती है

अब सीता की अग्निपरीक्षा को

देख सकते हैं


अग्नि परीक्षा में सफल होने के बावजूद

दुनिया ने उसे किस नजर से देखा है

जैसे कोई अविश्वनीय बात है ये

सीता अग्नि परीक्षा ।

ये सिलसिला चलता रहेगा

हम प्रमाणित कर देंगे

अपने जीवन युद्ध में कि

सृष्टि प्रेममय है

विवाद चलते रहेंगे।


Rate this content
Log in