असर उम्र का !
असर उम्र का !
कभी देखा है ख़ुद पर उमर का असर होते हुए!
लगता बस यूं ही कल परसों की बात हुई
तर पसीने से डूबी स्कूल की यूनिफार्म लिए
घरों से बाहर खेल के मैदानों में जो दिन बीते
ये वही चेहरा उमर न रह गई अब ,
कभी देखा है ख़ुद पर उमर का असर होते हुए!
बढ़ती गई उमर स्कूल से कॉलेज गये
हाफ पैंट की दुनिया छोड़ फुल पैंट हुए
दिल का धड़कना भी तब मालूम हुआ
जब कोई अपनी सी अपनी सी लगे
पढ़ते रहे पढ़ाई, दिल धड़कता रहा ,
सबकी आती है जो वो जवानी अपनी भी हुई
दिन वो भी गुजरता रहा अपनी गैर हुई
गैर अपनी सी लगे दिन बदलते रहे ,
कभी न देखा ख़ुद पर उमर का असर होते हुए
ख़ुद का चेहरा अब बदलने लगा
शादी हुई फिर जो जीवन मे बच्चे आये
उन्हीं के साथ फिर बचपना आया
पालना खेलना हँसना रोना सब होता रहा
बच्चे भी बड़े हुए स्कूल को गये
थोड़ा दिखने लगा ख़ुद पर उमर का असर होते हुए
अब उमर चालीस के पार जो पहुँची
बच्चे चचा बुलाते तो क्या ग़म था
लड़कियों के भी चचा बन गए धीरे धीरे
बालों की चांदनी ढाढ़ी तक जो आई
पर अब मजा आता है ख़ुद पर उमर का असर देखते हुए
जब हर उमर का जो मजा लिया है तो
इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना
जी हाँ, देखा है ख़ुद पर उमर का असर होते हुए!!!