अर्थव का आना
अर्थव का आना
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अर्थव का आना
जैसे बहार का आना
मेरा मौसी बन जाना
जब गोद में उसको लिया
रोम -रोम पुलकित हुआ
नन्हे -नन्हे हाथों में
मेरी ऊँगली फँस जाना
उसका धीरे से यूँ मुस्काना
जैसे बसंत का खिलखिलाना
अर्थव का आना
जैसे अपूर्णता का पूर्ण हो जाना
आँखों में वात्सल्य छलक आना
मन फिर से बच्चा बनना चाहे
अपना बचपन फिर याद आना
बधाई हो मेरी बहन
अद्भुत है यह अनुभव
लड़की से माँ का बन जाना