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Preeti Rathore

Others

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Preeti Rathore

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अंतिम क्षण

अंतिम क्षण

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जीवन के अंतिम क्षणो मे

बहुत कुछ लिखना चाहती हूँ।

जो अधूरे ख्वाब पूरे ना कर सकी

वो अपनी कहानियो के किरदारो 

मैं पूरे होते हुए देखना चाहती हूँ।

मैं लेखक तो नही ना ही कभी 

बनना चाहती थी पर अब इन खाली 

पन्नो पर बहुत से जीवन जीना चाहती हूँ।

अब कुछ पाने की ख्वाहिश तो नही

हां पर अपनी जिम्मेदारियो से मोक्ष चाहती हूँ।

सब कुछ खोकर भी हमेशा सबने 

मुस्कुराहट देखी मेरे चेहरे पर अब 

अपने गमो से सबको मिलवाना चाहती हूँ।

जो भी मिला इसी छोटी सी जिंदगी मे

नये सबक दे गया अब उनका 

शुक्रिया अदा करना चाहतीहूँ।

मै मरना तो नही चाहती पर अब

जीने की वजह तलाशना भी नही चाहती हूँ।

हक मांगना नही सिखा पर उम्मीद हर

रिश्ते से थी मुझे पर अब सबको उनकी

हकीकत से रूबरू करवाना चाहती हूँ।

ए जिंदगी अब तुझसे गिले शिकवे,

शुक्रिया सब अब लिखकर बयां करना चाहती हूँ।

अब बस मैं लिखना चाहती हूँ।


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