अनबूझ पहेली
अनबूझ पहेली
एक गाँव में एक अनबूझ पहेली की बातें बहुत चर्चा में थी। गाँव वाले बार-बार एक-दूसरे से पूछते थे, "वो पहेली क्या है और कैसे हल करें?" परंतु कोई भी सही उत्तर नहीं दे पा रहा था।
एक दिन, गाँव का एक छोटा सा बच्चा, नामक 'राजू', गाँव के अंबागांव के जंगल में घूम रहा था। वह खेल-खिलौनों के साथ मस्ती कर रहा था। तभी उसने एक छोटे से पेड़ के नीचे एक अद्भुत चीज देखी।
राजू ने वह चीज उठाई और वो गाँव वापस आ गया। जब गाँववालों ने देखा, तो वे हैरान हो गए।
पहेली क्या थी? वह विशाल एक खिलौना था, जिसमें विभिन्न रंगों की बॉल्स थीं और हर बॉल पर एक अंक लिखा हुआ था। लोग सोचने लगे, "ये तो राजू ने खेल में दिखा दिया है, लेकिन इसे कैसे हल करें?"
राजू ने सोचा, और फिर एक आविष्कार किया। वह खिलौना सभी बच्चों के साथ खेलने के लिए लाया और एक साथ सभी बॉल्स को उठाने का आदान-प्रदान करने लगा। बच्चे हेरफेर में विलीन हो गए और सभी बॉल्स के अंकों का योगफल निकालने लगा।
आदेरंदें, वे सभी बच्चे मिलकर पहेली को हल कर दिया।
राजू ने सबको यह सिखाया कि कभी-कभी जीवन की सबसे बड़ी पहेली भी आसान हो सकती है, अगर हम साथ में मिलकर काम करें। और गाँववालों ने इस सबको दिल से समझा लिया।
इस तरह, गाँव में वो अनबुझ पहेली हल हो गई, जिसने लोगों को साथ आने की महत्वपूर्ण सिख दिलाई।
