बचपन की यादें
बचपन की यादें
बचपन की यादें बहुत प्यारी,
खेल-खिलौने, गाने-गीत संगीत सब न्यारे।
माँ की लोरियाँ, पिता की बातें,
दोस्तों की मुस्कान, खेलों की रातें।
छोटी-छोटी बातें, बड़ी-बड़ी ख्वाहिशें,
बचपन की मस्ती, रंग-बिरंगी पलें।
घर की चादर बनाना दौड़ते बारिश में,
खुद को छुपाना खेलते हिंदुस्तान में।
चींटियों की लड़ाई, मच्छरों के खेल,
किताबों की कहानियाँ, जीवन के मेल-जुल।
गुड़ियों के बाल संवारना, ख़ट्टी-मीठी यादें,
बचपन की खुशियों से सजी हर जगह परिचयें।
छोटी सी ख्वाहिशों को बड़ी करने की हंसी,
खेलते खिलोनों से बनाते थे कहानी।
चिड़ियों के बच्चे, उड़ान भरते तीर,
बचपन की यादें हमेशा जीने का तारीफ़ेर।
जब याद आते हैं वो मिठे-मिठे लम्हे,
रंगीन हो जाती है ज़िंदगी की कविताएं।
बचपन की यादें हमेशा रहेंगी साथ,
वो सुनहरे दिन, वो मस्तानी रात।
जीने का आनंद, मुस्कानों का खज़ान
