अमन -चैन
अमन -चैन
रगों में जोश राणा जी का भर लो
साहस रानी झाँसी मर्दानी का ले लो
मत लड़ो आपस में वतन वालों
धमनियों को राष्ट्र भक्ति से भर लो।
सीमा पर प्रहरी जाग रहे
सीने पर गोली खा रहे
दुश्मनों को ललकार रहे
तभी तो हम चैन से सो रहे।
मशाल नहीं तिरंगा फहराओ
नाम और सम्मान दिलाओ
धरती माँ का तिलक लगाओ
भारत माँ पर मर मिट जाओ।
विश्व के नक़्शे पर देश चमके
हिन्दुस्तान हमारा तारा सा दमके
प्रेम सद्भाव हर दिल में बरसे
जय बोले भारत माँ के।
चलो लगाएँ अमन का पौधा मिलकर
खिलाओ चमन में फूल भाईचारे का
नफ़रत का बीज हटाकर
न हो कोई जंग सीमा पर।
वाणी में तहज़ीब लखनवी हो
मिठास स्नेह की बंगाली हो
फ़ौलादी जिगर पंजाबी हो
हर दिल हिन्दुस्तानी हो।
