ऐसे ही प्यार
ऐसे ही प्यार
आ कसम खा लें एक बार
ज़िदगी भर करेंगे ऐसे ही प्यार
जब तन से तन का होगा दीदार
तब रोक ना पायेगी कोई दीवार।
अपने प्यार की तब एक कहानी बनेगी
जिसे पढ़ ये दुनिया दीवानी हँसेगी
जिसमे ज़िस्मों की थी ना कोई तकरार
फिर भी था वो सच्चा प्यार।
जहाँ जलती अग्नि बुझती धीमे से
जहाँ होठ भी चिपकते थे सीने से
जहाँ साँसें करती थीं इशारे आर पार
कितना भोला था वो अपना इश्क यार ?
पकड़े जाने का डर था इस दिल में समाये
तुझे पूरा करने की ज़िद में ये होश गंवाए
चुभते थे सीने में शूल तेज धार
सच में निराला था अपना वो प्यार।
थोड़ा कम पर आज भी ये ज़िन्दा है
ये दिल इसकी ख्वाहिशों का बाशिंदा है
चल आ कसम खा लें एक बार
ज़िन्दगी भर करेंगे ऐसे ही प्यार।