अभिमान
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अभिमान न हो तो जिंदगी
सँवर जाए
गलतफहमियों के बादल
दूर छिटक जाए
रिश्तों की फिर बरसात हो
जाए
प्रेम से अंकुरित हो दिल में
बस जाए
भावनाओं के सम्मान से सदा
जिंदा रह जाए
जिंदगी भर साथ निभाने वाले
हो जाए
बस अगर अभिमान न हो तो
हर रिश्ता खूबसूरत हो जाए।
अभिमानी का सिर होता नीचा
गाँठ बाँध लो सब ये आज
प्रेम से हर रिश्ता निभाओ
अभिमानी को हमेशा दूर भगाओ
हर इंसान का करो सम्मान
हर रिश्ता बनेगा स्वाभिमान
जीवन सफल तब हो जाएगा
हर पग पर प्यार पा जाएगा।