"अभिलाषा जहाँ घूमने जाऊँ"
"अभिलाषा जहाँ घूमने जाऊँ"
जहाँ जन्म लिए पुरुषोत्तम राम,
वह पावस स्थल अयोध्या धाम!
जहाँ पर बह रही है सरयू मैया,
इच्छा प्रभु को जा करूँ प्रणाम!!
अत्यंत प्रबल अभिलाषा है मेरी,
मैं जाऊँ उस पवित्र मथुरा धाम!
जहाँ भगवान कृष्ण जन्म लिए,
जिस वृंदावन में रहते थे श्याम!!
द्वारका गोकुल वृंदावन मैं घूमूँ,
राधा संग कृष्ण रास रचाए!
कुरुक्षेत्र जहाँ पर अर्जुन को,
प्रभु गीता का उपदेश बताए!!
गंगा जमुना सरस्वती का संगम,
जो तीर्थ राज प्रयाग कहलाए!
जहाँ पर जाकर स्नान करूँ मैं,
मेरे सब पाप वहाँ धुल जाए!!
भोले शंकर ने काशी नगरी को,
अपने त्रिशूल पर रहे बसाए!
मन में मेरे अभिलाषा होती,
प्रभु शिव दर्शन वहाँ हम जाएं!!
उत्तर में हिमालय पर्वत तक,
दक्षिण में रामेश्वरम तक जाऊँ!
विभिन्न पवित्र स्थल को जाकर,
दर्शन कर जीवन मैं धन्य बनाऊँ!
