अब टीवी नहीं देखता मैं
अब टीवी नहीं देखता मैं
मैं काफी समय से टीवी देखना बंद कर दिया हूँ
समाचार देखने-सुनने के लिए ही टीवी देखता था
लेकिन, वह भी काफी दिनों से बंद कर दिया हूं
क्या देखूं उन समाचार चैनलों में,
जहां नेताओं के सुंदरकांड सुनाए जाते हो!
या फिर किसी बलात्कार से पीड़ित,
महिला के जख्म को और ताजा किया जाता हो,
मैं काफी समय से टीवी देखना बंद कर दिया हूँ!
मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि,
कुछ न्यूज़ चैनल जानबूझकर ऐसा करते हैं
आखिर ये करें भी तो क्या करें,
न्यूज़ कहां से लाएं, इसमें काफी मेहनत लगती है!
और भला क्यों लाए ? दर्शक कौन है?
आधे तो चिता में जल चुके!
और जो बचे हैं... वह अपनी बारी के इंतजार में है!
तब तक के लिए कुछ एंकर जो जज बने हुए हैं,
उनकी अदालत में इंतजार में बैठे वे लोग सांसे ले रहे हैं.
.!
जो जिंदा तो है लेकिन मुर्दों से कम नहीं...
मैं काफी समय से टीवी देखना बंद कर दिया हूँ!
कुछ सफेद पोशाक वाले लुटेरे भी हुए है यहां,
जो कभी मंत्री हुआ करते थे खूब शरीफ दिखते थे
लेकिन जैसे ही सत्ता से विमुख हुए या कह लीजिए,
जनता ने जबरदस्त का तमाचा उन्हे जड़ा,
वह न जाने कब तिहाड़ पहुंच गए, पता ही नहीं चला!
मैं काफी समय से टीवी देखना बंद कर दिया हूँ!
जिस देश में लगभग अधिकांश आबादी,
मध्यवर्गीय परिवार या उससे नीचे की हो
जहां बीमारियां, भुखमरी, अशिक्षा,
शोषण, लाचारी, हिंसा, इत्यादि
लोगों को किसी दीमक की तरह,
धीरे-धीरे समाप्त कर रहे हो...!
वहां टीवी देखना गुनाह-सा है,
रेडियो सुनना ही मुनासिब है...!
मैं काफी समय से टीवी देखना बंद कर दिया हूँ!