STORYMIRROR

Jay Bhatt

Others

2  

Jay Bhatt

Others

अब बिछड़ना तय हो चूका है ।

अब बिछड़ना तय हो चूका है ।

1 min
411

सपने सच होते हैं,

कुछ मेरे भी हुए,

देखे थे रातो में,

सबेरे वो पूरे हुए।


जीना तो चाहता था,

लम्हें कुछ अधूरे पड़े,

यादो के सहारे जीना पड़ा,

दिल के टुकड़े कुछ हज़ार हुए ।


देखा था सपना तुझसे दूर होने का,

जो सच हुआ,

रोकना तो चाहता था,

पर कुछ ना हुआ ।


अंदर ही अंदर ये बात दिल को चुभती रही,

रोकने की कोशिश भी कुछ अधूरी रही,

सुबह हुई जब सपना टूटा,

न जाने ये कौन सी कश्मकश मुझसे लिपटी रही ।


दर्द भरा ये सपना था,

हकीकत से बिलकुल अनजान,

मानने को नहीं होता था,

तुझसे बिछड़ ना होगा अंजाम ।


सोचा था लिख दूं तुझे कुछ,

फिर भूलना आसान होगा,

सोचा था जी लूँ तुझ में कुछ,

फिर मरना आसान होगा ।


होना था जो सपना सच,

अब वो हो चुका है,

रहना था जो तेरे साथ,

अब बिछड़ ना तय हो चुका है ।


Rate this content
Log in