अब आधुनिक बन गया है
अब आधुनिक बन गया है


मेरा गाँव अब शहर बन गया है।
रंगीन लिबासों को ओढ़कर,
पुरानी परंपरा को तोड़कर,
अपनी संस्कृति को भूलाकर,
कई कदम आगे बढ़ गया है।
मेरा गाँव अब शहर बन गया है ।।
छोटी पगडंडियों को पाटकर,
छायादार पेड़ों को काटकर,
सूखे पड़े तालाबों को भरकर,
अब आधुनिक बन गया है।
मेरा गाँव अब शहर बन गया है ।।
अपनी पुरानी पहचान मिटाकर,
आपसी भाईचारे को भूलाकर,
रंगीन ख्वाबों को सजाकर,
कुछ ज्यादा ही मतलबी हो गया है।
मेरा गाँव अब शहर बन गया है ।।
नवीनीकरण में उलझकर,
प्रतिस्पर्धा में फँसकर ,
विनाश के कगार पे सिमटकर,
शहरीकरण का शिकार बन गया है।
मेरा गाँव अब शहर बन गया है ।।