आया त्योहार होली का
आया त्योहार होली का
झूमो नाचो जश्न मनाओ आया त्योहार खुशहाली का
रंगो में मशगूल हो जाओ आया त्योहार होली का
रंग ही रंग बिखरे है चहुं ओर
कानों में गूंज रहा पिचकारियों का शोर
ढोल मंजीरे बज रहे हर्षित हों रहा मन
हर विषाद मिटा कर गले मिल रहे जन
प्रसन्नता बनी है सूरज, फैला है अद्भुत आलोक
खुशियों के प्रकाश में मिट गए सब शोक
होली के रंगों में रंग कर जीवन हुआ प्रफुल्ल
खुशियों में तब्दील हो गए ,गम थे जो कल
रंगो ने बदले सबके अंदाज
हुआ है ग्रीष्म ऋतु का आगाज
फाल्गुन का वह मल्हार हो रहा गुंजित
जो कर रहा है हर जन को आनंदित
रंगो के रूप में बह रही हर्ष की सरिता
हर नर मुदित हर नारी मुदिता
इस होली बस यही मुराद
कलयुग के हिरण्यकश्यप का नाश करने
जन्म ले हर घर में प्रहलाद
मिटे हर बुराई पाप का हो विनाश जग बने पावन
इसी भावना के साथ हो होलिका दहन
हर युग में वो दिन आए
अधर्म की होलिका जले धर्म रूपी
प्रहलाद भक्ति का परचम लहराए
आओ ,भक्ति की शक्ति का त्योहार मनाए
भाईचारे से इस संसार को स्वर्ग बनाए
झूमो नाचो जश्न मनाओ आया त्योहार खुशहाली का
रंगो में मशगूल हो जाओ आया त्योहार होली का।
