आया सावन
आया सावन


आया सावन आया सावन आया सावन
सुहाना और मनभावन आया सावन
ले कर आयी बरखा वो बहार
छलके छलके आसमां से प्यार ही प्यार
झूम झूम उठा सारा संसार
गाता है दिल वो तराने सुहाने
मन गाये और मुस्कुराये
पेड़ पौधे खिल -खिल जाए
बगिया में बागीचों में फूल ही
फूल खिले हैं
ऐसा लगता है की सब खुश हैं
क्योंकि
आया सावन आया सावन
धरती का तन मन खिल जाये
मेरी भोजनशाला से चाय पकौड़ों की
महक आये
मिट्टी से सौंधी खुशबू आये
बचपन की यादें सताए
जब बारिश की बूंदों को थी अपने चेहरे
पर लेने की चाहत
मिलती है बारिश में गर्मी से राहत
बारिश के ठहरे पानी में कागज़ की
कश्ती चलाते थे
बार बार भीगने के लिए घर के आँगन में और
घर की छत पर जाते थे
क्योंकि
आया सावन आया सावन
अब याद आता है मायके का सावन