आया नूतन वर्ष सुहाना
आया नूतन वर्ष सुहाना
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बीत गया है वर्ष पुराना,
आया नूतन वर्ष सुहाना ।
ईश्वर को हम शीश नवाएं ,
मिलकर झूमे खुशी मनाएं ।
नया लक्ष्य ले नई उमंगे,
साहस धैर्य सृजनता लेकर ।
उन्नति पथ के हम गामी हो,
गिरतों को अपना कर देकर ।
नये वर्ष मे करो प्रतिज्ञा,
दम्भ द्वेष छल स्वारथ तजकर ।
करे राष्ट्र निज की हम उन्नति,
समय और तन मन धन देकर ।
सब अपने है यहां हमारा,
है कोई नही पराया ।
इक स्वारथ ने बीच मे सबके,
है फासला बढाया ।
बीती बातें शिकवे सारे,
आलस तज स्फूर्ती लाएं ।
नियम बनाकर करे परिश्रम,
सभी कार्य पूरे हों जाएं ।
