आया आया आया वसंत
आया आया आया वसंत
हो जनसाधारण या हो संत
हर्षित करता सबको वसंत
जड़, जीव, वृक्ष सब झूम रहे
आया आया आया वसंत
पीले-पीले सरसों फूले
फल-फूल सभी पीले पीले
ऋतुराज सभी पर हैं भारी
महिमा इनकी अनुपम अनंत
आया आया आया वसंत
आमों पर मंजर हैं आये
चहुँ ओर ऋतुपति हैं छाए
मीठे गन्ने हैं खेतों में
पुलकित यह सारा दिग्-दिगंत
आया आया आया वसंत
बोलने लगे पंछी स्वर में
कूकने लगीं कोकिल सुर में
चहुँ ओर माधुरी छाई है
सुखकर लगते हैं अंशुमंत
आया आया आया वसंत
आते ही खिलते बन-उपवन
ऋतु राज तुम्हें शत कोटि नमन
सबने महिमा तेरी गायी
दिनकर, हो निराला या हो पंत
आया आया आया वसंत
कामिनी-काम द्वय हुए प्रबल
प्रेमातुर झूम रहा यह पल
ग्रह, उपग्रह, तारे और गगन
हैं मनुज, देव, ऋषि सब उमंत
आया आया आया वसंत
