आसमान में छाये बादल
आसमान में छाये बादल
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आसमान में छाये बादल,
दादुुुर संदेशा लाये।
जागो-जागो धरती के भैया,
धरती तुम्हें बुलााये।
रिमझिम-रिमझिम बूँँदे पड़ रही,
बादल जल भर लाये।
घुमड़-घुमड़ के बदरी बरसे,
हँसे और मुस्काये।
कल-कल करती यमुुुना बोली,
गंगा को पास बुलाये।
बहुत दिनों से बिछुड़े हम,
आऔ सखियों सेेे मिल आयें
जल से पूूरित धरती देखें
कृषक हल ले आयें।
साथ-साथ दौड़ी-दौड़ी,
कृषक ललना भी आयें।
धूल मुक्त प्रकृति देखें,
पक्षी भी उड़ आये।
आसमान मेें झूमे गायें,
फिर हमजोली बन जायें।
नदी किनारे नाविक बैठे,
अपने पाल बढ़ाये,
नौका में बैठे-बैठे,
सावन संगीत सुनायें।