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सागर जी

Others

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सागर जी

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आस

आस

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अब देखते हैं, मंज़िल

मिलती है अपने सपनों की।

है जो आस दिल में

अपने, उसे पूरा करने की।।


कुछ लम्हे जीवन के,

बहुत दुखदाई रहे अतीत के।

रिश्ते कुछ बने, कुछ

टूटे भी नज़दीक के ।।


अब देखें, क्या है आने वाला कल,

ठानी है, मंज़िल पाने की, हर क्षण, हर पल ।।


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